September Quarter में कंपनियों की Profit और Revenue Growth में गिरावट आई है।

इसके बावजूद, कंपनियों की कर्ज चुकाने की Capacity पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

कंपनियों का Interest Coverage Ratio(ICR) 4-5 के बीच रहा, जो सुरक्षित माना जाता है। ICR कंपनी के कर्ज का Interest चुकाने की Capacity का माप है।

BSE Midcap कंपनियों का ICR जून तिमाही में 4.96 था, जो सितंबर में घटकर 4.37 हो गया।

BSE Smallcap कंपनियों का ICR 4.53 से घटकर 4.32 पर आ गया। BSE 500 कंपनियों का ICR 7.12 से घटकर 6.48 हो गया।

इस Analysis में Banking, Financial, Insurance और Oil-Gas कंपनियां शामिल नहीं हैं।

Experts का कहना है कि छोटी कंपनियों को कर्ज चुकाने में कोई दिक्कत नहीं आई है।

कंपनियों ने Alternative Funding Strategies का इस्तेमाल किया है, जैसे Equity Market से पैसे जुटाना। Promoters अपनी हिस्सेदारी घटाकर Fund जुटा रहे हैं।

कंपनियां Qualified Institutional Placement(QIP) और Preferential Issue के जरिए भी Fund जुटा रही हैं।

2024 में कंपनियों ने अब तक Preferential Issue से ₹70,000 करोड़ जुटाए हैं। 2023 में यह Figure ₹67,173 करोड़ था।

पिछले तीन सालों में Stock Market में तेजी आई, जिसका लाभ कंपनियों ने पैसे जुटाने में उठाया।