James Sullivan ने अनुमान जताया है कि भारतीय बाजार में आने वाले कुछ वर्षों में 100 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आ सकता है।
फिलहाल, बाजार में तेजी का मुख्य कारण घरेलू निवेशक और संस्थागत निवेशक हैं
जबकि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) अभी अपेक्षाकृत पीछे हैं।
सुलिवन ने इसे ‘DIY स्टोरी’ कहा है, जिसमें घरेलू निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया है।
उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियों की मजबूत अर्निंग्स ग्रोथ का श्रेय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को नहीं, बल्कि बढ़ते पूंजीगत खर्च को जाता है।
सुलिवन को 2025 की शुरुआत में नए विदेशी निवेश की उम्मीद है।
सरकार की नीतियों, खासकर डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने से भी बाजार को फायदा हुआ है।
भविष्य में सप्लाई चेन में विदेशी निवेश के आने की संभावना है, जो बाजार को और मजबूती प्रदान कर सकता है।