25 नवंबर को Foreign Portfolio Investors (FPIs) ने Domestic Equity Market में 10,000 करोड़ रुपये की Net Buying की, जो लगातार 38 दिनों की Selling के बाद हुई।
इस Buying से उम्मीद जगी कि FPI Domestic Market में लौटने लगे हैं।
हालांकि, यह MSCI Index Rebalancing का दिन था, जिसके तहत Passive Funds से 18,000 करोड़ रुपये की Purchase Expected थी।
असल में, Active Funds ने लगभग 8,000 करोड़ रुपये की Net Sales की, जिससे Selling का Effect कम हो गया।
25 नवंबर के बाद, FPI की Buying में गिरावट देखी गई ; 29 नवंबर को यह केवल 7.7 करोड़ रुपये रही।
पिछले दो महीनों में, FPI ने भारतीय Markets में 1.1 लाख करोड़ रुपये के शेयर Selling।
प्रमुख कारणों में चीन के राहत पैकेज, भारतीय कंपनियों के कमजोर Quarter नतीजे और अमेरिका में 'America First' Policy का Effect शामिल है।
Global Political Uncertainty के चलते Investor सुरक्षित Markets में शिफ्ट हुए।
Market Experts के अनुसार, भारतीय Market में गिरावट के कारण FPI लौट सकते हैं।
हालांकि, High Valuation और कंपनियों की कमाई में गिरावट उनकी वापसी में दिक्कत बन सकती है।t
फिलहाल, FPI की वापसी के Solid Signal अभी नहीं दिख रहे हैं।
Domestic Investors को Market में Stability लाने में बड़ी Role निभाना होगी।